गमो से सरोबर दुखो से पीड़ित आज हर मानव की व्यथा है
भारत की चोहददी पे बिकती आज हमारी सांस्कृतिक एकता है
किस्मत का तकाजा है या दुनिया का दस्तूर है
खुदा की मर्ज़ी है या इन आतंकवादियो का जुनून है।
भारत की चोहददी पे बिकती आज हमारी सांस्कृतिक एकता है
किस्मत का तकाजा है या दुनिया का दस्तूर है
खुदा की मर्ज़ी है या इन आतंकवादियो का जुनून है।
खेल रहे वो खून की होली धरती के वासियो से है
तोड़ रहे मानव के जीवन की डोर इन आतिशबाज़ियो से है
तोड़ रहे मानव के जीवन की डोर इन आतिशबाज़ियो से है
गोले बारूद से भर लाये सारे जेबे है
मातृभूमि से दगा करने आये फिर सिरफिरे है।
यह भारत की पवित्र धरा, वीर योद्धा की जन्मभूमि है
स्वतंत्रता का यह लहराता तिरंगा भारत की शान है
मुल्क बना हमारा प्यार और अपनेपन से है
कोई क्या तोड़ेगा उसे जो जुड़ा इंसानियत के लहू से है।
मुल्क बना हमारा प्यार और अपनेपन से है
कोई क्या तोड़ेगा उसे जो जुड़ा इंसानियत के लहू से है।
मरना हमें मंज़ूर है पर झुकना हमें कतई मंज़ूर नहीं है
सांस जब तक शरीर में लड़ेंगे आदमियत के लिए है
कोई क्या तोड़ेगा हमें जो खुद जुड़ नहीं पाया है
महजब की शिक्षा क्या देगा हमें जिसका महजब खुद न बन पाया है ।
आंतकवाद के मंसूबे धरे के धरे रह जायेगे
पीठ के पीछे वार करने वाले गीदड़ कभी न कामयाब हो पायेगे
उनका महजब उनका धर्म सब का सब धरा रह जायेगा
भारत जैसे पवित्र देश को तोड़ने का सपना कभी न पूरा हो पायेगा।
सांस जब तक शरीर में लड़ेंगे आदमियत के लिए है
कोई क्या तोड़ेगा हमें जो खुद जुड़ नहीं पाया है
महजब की शिक्षा क्या देगा हमें जिसका महजब खुद न बन पाया है ।
आंतकवाद के मंसूबे धरे के धरे रह जायेगे
पीठ के पीछे वार करने वाले गीदड़ कभी न कामयाब हो पायेगे
उनका महजब उनका धर्म सब का सब धरा रह जायेगा
भारत जैसे पवित्र देश को तोड़ने का सपना कभी न पूरा हो पायेगा।
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