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Hindi Poem on Women-Nari ek Jyoti

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नारी : एक ज्योति

Hindi Poem on Women,Hindi Kavita on Naari
Hindi Poem on Women

 

 
कुछ नहीं  मिला दुनिया में जिसे फिर भी देती सबको प्यार है
सब कुछ सहकार भी करुणा भरी उसमे अपार है
दर्द हो या रूसवाई सही उसने हर बार है
देवी का दर्ज़ा मिला जिसे नारी तू तो महान है……
 
रिश्तों के बंधन में बंधी छोड़ चली अपना स्वाभिमान है
अपनी खुशियो का गला घोट हुई कितनी बार हुई  तिरस्कार है
ममता भरी जिसके आँचल में त्याग करती जो हर बार है
उस नारी की अग्नि परीक्षा हुई कितनी बार है….
 
एक नारी की यही कहानी है
सागर में समाहित उसके गुणों की प्याली है
दुनिया चलती आज भी उसके पदचिन्हों पे
          क्योंकि
उसकी महिमा तो अजब निराली है……..
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